Monday 17 June 2013

गरम बहना .....


गरम बहना .....

बहना मेरी गरमा  गरम फटाका है
जवानी में उसकी बला का झटका है


जो भी पहने, लगती मस्त  माल है
सारे उभार हिलाती हुई उसकी चाल है

झाड़ू लगाने फर्श पे जब वो झुकती है
कड़क-काले निपल की झांकी करवाती है

फिर जब मारती है वो बैठ कर पोंछे
पिछवाड़ा उभरता है जैसे भरा बगीचा  

नहाने के लिए जब जब वो जाती है
दरवाज़े की कुंडी लगाना भूल जाती है

दरार से किवाड़ की, करता भीगा दर्शन
थामे हाथ में लोडा, आँखों में नंगा बदन

नहा के आती बहार पहने पतला साया
भीगे-भीगे  चुतड पर जैसे हो चिपकाया

कूल्हे तो ऐसे मटकते जब वो चले
जी करे- चलो अभी खड़े खड़े ही पेले

ऊपर चढाती वो महीन- मिनी कुर्ती
दिखती आधी पीठ , और पूरी नाभि

बदन ठीक से पोंछ जब ड्रेस बदलती
ढँकती कम और है ज्यादा दिखाती 

बड़े बड़े मम्मे पर होता छोटा सा टॉप
जो भी देखे उसकी खड़ी कर दे तोप



फ्रोक ऐसा छोटा सा पहनती हैहाये
हवा का झोंका खिले गुब्बारे दिखलाये

घर में जब ऐसा मीठा मीठा हलवा हो
गोटे में जलन, चाहे आँखों को जलवा हो

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Monday 3 June 2013

देख तेरी बहना की अंगड़ाई रे.....


देख तेरी बहना की अंगड़ाई रे


भाई काहे ढूंढे छमिया पराई रे
देख तेरी बहना की अंगड़ाई रे

नज़र भर के देख तो ले भला,
घर में ही है माल हरजाई रे


ढीली ढीली सी पहनी है कुर्ती
निगोडी ब्रा भी नहीं चढायी रे

कुर्ती है खुले खुले गले की
और न दुपट्टा ओढ़ आयी रे


सलवार के बस में नहीं अब 
सम्हालना गांड ये गदराई रे

एक इशारे पर खुल जायेगी
गाँठ है नाडे की एसी लगायी रे  

चाट चाट के चूस लेना सारी
कमर की चासनी है उबलाई रे

जो चाहे वो कर लेना भय्या
समझ मैं हूँ तेरी ही लुगाई रे

बात कब समझेगा भोले बुध्धू
कितनी रातें प्यासी यूँ गवाईं रे

नस नस में मचा गया है दंगा
आना - लोडे से कर तू चढाई रे   

 भाई काहे ढूंढे छमिया पराई रे
देख तेरी बहना की अंगड़ाई 

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