Sunday 13 July 2014

भाभी मेरी गुलछड़ी है...

भाभी मेरी गुलछड़ी है...



नियत  बिगाड़ने पे अड़ी है
भाभी की खुजली बड़ी है ...
आँखों में चमके   प्यास है

हाय  -जवानी बद हवास है....

























दुकान  लहेराये चलती है
जैसे मज़े लूटने कहती है ...
छोटी चोली स्लीवलेस है
जैसे  दबोच ने का सन्देश है... 
हाथ अदा में यूँ उठाती है
बगल से 'मालदिखाती है ...
पसीना छाती से पोंछती है
तो निपल पे ऊँगली फेरती है..



भाई के दोस्त जब घर आते-
पल्लू छाती से सरकाती है
जब वो तकते मम्मे उनके
होठ चबाते हाय –हसती है









झाड़ू मार ने जो झुकती है
बला की डिकी उभारती है ....
पोछा मार ने जो बैठती है
मस्त जांघे आँखे नोचती है....















फिर साडी से माथा सहलाती है
पेंटी नहींये दिखाती है...
गांड ऐसे मटकाती है
रांड की याद दिलाती है...
नियत  बिगाड़ने पे अड़ी है
भाभी की खुजली बड़ी है ...

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Friday 27 June 2014

भाभी... बहन या पड़ोसन ?

दोस्तों.....

बोलो अगला गाना आप किस पर पढना चाहते हो ...?




भाभी.......

बहन.......

या

पड़ोसन....??????